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झारखंड 15 नवंबर, 2000 को संघ के 28वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। यह आदिवासियों की गृहभूमि है, जिसका सपना वे सदियों से देख रहे थे। एक गाथा के अनुसार, ओडिशा के राजा जयसिंह देव ने तेरहवीं शताब्दी में स्वयं को झारखंड का शासक घोषित कर दिया था। झारखंड में मुख्य रूप से छोटा नागपुर पठार और संथाल परगना के वन क्षेत्र शामिल हैं। यहां की विशिष्ट सांस्कृतिक परंपराएं हैं। स्वपंत्रता प्राप्ति के बाद के युग में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने नियमित आंदोलन किया, जिसकी वजह से सरकार ने 1995 में झारखंड क्षेत्र स्वायत्त परिषद् की स्थापना की और अंतत: पूर्ण राज्य अस्तित्व में आया।
झारखंड पूर्व में पश्चिम बंगाल, में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़, उत्तर में बिहार तथा दक्षिण में ओडिशा से घिरा हुआ है।
राज्य के 79,714 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में से 18,423 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में वन हैं। कृषि और संबंधित गतिविधियां झारखंड की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार हैं। कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल केवल 38 लाख हेक्टेयर है।
दामोदर, मयूराक्षी, बराकर, उत्तरी कोयेल, दक्षिणी कायेल, संख, सुवर्णरेखा, खरकई और अजय राज्य के प्रमुख जल स्त्रोत हैं। राज्य में कुल बुवाई क्षेत्र 18 लाख हेक्टेयर है जिसमें 8 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है।
झारखंड की स्थापित विद्युत क्षमता 2,590 मेगावाट है। इसमें शामिल हैं : 420 मेगावाट (तेनुघाट ताप बिजलीघर), 840 मेगावाट (पतरातू ताप बिजलीघर), 130 मेगावाट (सिक्कीद्री पनबिजली परियोजना) और 1,200 मेगावाट (दामोदार घाटी निगम ताप/पनबिजली परियोजना)। ताप व पनबिजली पर आधारित विभिन्न बिजलीघरों की क्षमता बढ़ाकर 4,736 मेगावाट की जा सकती है। इसमें 686 मेगावाट पनबिजली उत्पादन शामिल है।
झारखंड के कुछ बड़े उद्योग हैं : सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्टील प्लांट, जमशेदपुर में निजी क्षेत्र की टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को)। अन्य प्रमुख उद्योग हैं: टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को), टिमकेन इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर), भारत कुकिंग लिमिटेड (धनबाद), खिलाड़ी सीमेंट फैक्टरी (पलामू), इंडियन एल्यूमिनियम (मुरी), ए सी सी सीमेंट (चाइबासा), सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (रांची), उषा मार्टिन, उषा बैल्ट्रान, यूरेनियम कारपोरेशन (इं) लिमिटेड (जादूगोड़ा), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (मुसाबनी), टिन प्लेट कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर), इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड (गोमिया) और हिंडालको बॉक्साइट (लोहरदगा), आदि।
झारखंड खनिज संसाधनों के मामले में देश का समृद्धतम राज्य है। प्रमुख उपलब्ध खनिज हैं: कोयला, कच्चा लोहा, चूना पत्थर, खनिज तांबा, बॉक्साइट, पाइराइट, चीनी मिट्टी, काइनाइट, चिकनी मिट्टी, डोलोमाइट, ग्रेफाइट, बैंटोनाइट, सोप स्टोन, बिल्लौरी रेत और सिलिका बालू। इस नवगठित राज्य में सिंहभूमि, बोकारो, हजारीबाग, रांची, कोडरमा और धनबाद में कोयला, अभ्रक और अन्य खनिजों के दोहन की अपार क्षमताएं हैं।
सड़कें:राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 4,311 किलोमीटर है। इसमें 1,500 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग और 2,711 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग शामिल हैं।
रेलवे: राज्य में सुविकसित रेलवे प्रणाली है। रांची, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
उड्डयन: रांची विमान सेवा द्वारा दिल्ली, पटना और मुबई से जुड़ा है। जमशेदपुर, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, हजारीबाग, डाल्टनगंज और नोआमुंडी में हवाई पट्टियां हैं।
पर्यटन स्थल राज्य में अनेक मनोरम स्थल हैं। ये हैं: इचागढ़ पक्षी विहार, डद्धव पक्षी विहार-साहिबगंज (पठारा झील), चाचरो मगरमच्छ पालन केंद्र-कोडरमा (तिलाया बांध), चंद्रपुर पक्षी विहार, जवाहरलाल नेहरू चिडि़याघर (बोकारो), तुनुघाट पक्षी विहार, डालमा वन्यजीव अभयारण्य (जमशेदपुर), टाटा स्टील चिडियाघर (जमशेदपुर), पलकोट वन्यजीव अभयारण्य (गुमला), भगवान बिरसा चिडियाघर (रांची), बिरसा हिरन अभयारण्य (कालमाटी रांची), बेटला राष्ट्रीय उद्यान हिरन अभयारण्य (कालमाटी रांची), बेटला राष्ट्रीय उ़द्यान (पलामू), रांची मत्स्य केंद्र (रांची), हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान, तातेलाई गर्म पानी झरना (दुमका) और सांरंदा वन।
उपर्युक्त के अलावा झारखंड में कुछ मशहूर मंदिर हैं : झारखंड धाम, लगंता बाबा मंदिर/मजार, बिंधवासिनी मंदिर, मसनजोर आदि।
यहां के जिलों के नाम हैं : रांची, गुमला, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, चतरा, गिरिडीह, कोडरमा, पूर्वी सिंहभूमि, पश्चिमी सिंहभूमि, दुमका, देवघर, गोड्डा, पाकुर और साहिबगंज।
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